- Mahakal Temple: अवैध वसूली के मामले में हुआ चौंकाने वाला खुलासा, एक आरोपी निकला HIV पीड़ित; सालों से मंदिर में कर रहा था काम ...
- महाकाल मंदिर में बड़ा बदलाव! भस्म आरती में शामिल होना अब हुआ आसान, एक दिन पहले मिलेगा भस्म आरती का फॉर्म ...
- भस्म आरती: मंदिर के पट खोलते ही गूंज उठी 'जय श्री महाकाल' की गूंज, बाबा महाकाल का दिव्य श्रृंगार कर भस्म अर्पित की गई!
- भस्म आरती: मकर संक्रांति पर बाबा महाकाल का किया गया दिव्य श्रृंगार, तिल्ली के लड्डू से सजा महाकाल का भोग !
- मुख्यमंत्री मोहन यादव का उज्जैन दौरा,कपिला गौ-शाला में गौ-माता मंदिर सेवा स्थल का किया भूमि-पूजन; केंद्रीय जलशक्ति मंत्री श्री सी.आर. पाटिल भी थे मौजूद
यहां से कुछ सामान चोरी हो जाए, तो रिपोर्ट दर्ज होगी 90 किमी दूर
उज्जैन | रेलवे स्टेशन पर किसी भी प्रकार की वारदात की विवेचना के लिए पुलिस जवान व यात्रियों को 90 किमी दूर जाने को मजबूर है। यात्रियों को न्याय के लिए उज्जैन जिला छोड़ मंदसौर जिले में जाना पड़ता है। नागदा रेलवे स्टेशन पर जीआरपी थाना स्वीकृत नहीं होने से पुलिस जवानों को शामगढ़ थाने से अटैच कर रखा है। कुछ प्रकरणों में तो पीडि़त पक्ष को भी यह दूरी तय करना पड़ती है। हालांकि ऐसा बड़ी घटना या वारदात के दौरान ही होता है। छोटे प्रकरणों में पीडि़त की नागदा जीआरपी चौकी पर ही रिपोर्ट दर्ज हो जाती है, लेकिन पुलिस जवान को प्रत्येक प्रकरण के लिए शामगढ़ जाना अनिवार्य है। नागदा रेलवे स्टेशन जंक्शन स्टेशन होने के बावजूद भी यहां पर जीआरपी थाना स्वीकृत नहीं है। थाना नहीं होने से नागदा स्टेशन पर पुलिस बल की भी कमी है।
नागदा रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सुरक्षा के लिए जीआरपी चौकी की स्थापना लगभग ३ दशक पूर्व हुई थी। नागदा जीआरपी चौकी को शामगढ़ जिला मंदसौर जीआरपी थाने के अधिन किया गया। नागदा से शामगढ़ की दूरी लगभग 90 किमी है। जो भी घटना नागदा स्टेशन व आसपास के क्षेत्र में होती है तो प्रत्येक प्रकरण को जीआरपी नागदा चौकी में जीरो पर कायम कर मामला शामगढ़ थाने पर रैफर करती है। जिससे पुलिस जवानों को परेशान होना पड़ता है। नागदा से शामगढ़ का सफर तय करने में करीब 2 घंटे का समय लगता है। आना-जाना व प्रकरण प्रस्तुत करने में पुलिस को एक दिन खराब होता है। नागदा से शामगढ़ की ट्रेन भी नियमियत नहीं है। जबकि नागदा स्टेशन से उज्जैन व रतलाम की दूरी काफी कम है। नागदा से उज्जैन की दूरी 55 व रतलाम की दूरी महज 45 किमी है।
रतलाम मंडल का अंतिम स्टेशन
मुंबई-दिल्ली रूट पर स्थित नागदा जंक्शन रतलाम मंडल का दिल्ली रूट पर अंतिम स्टेशन है। नागदा स्टेशन के बाद कोटा मंडल प्रारंभ हो जाता है। जंक्शन होने के कारण प्रतिदिन नागदा स्टेशन पर लगभग ८६ यात्री ट्रेन का स्टापेज है। जिसमें गुजरात, महाराष्ट्र, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, बिहार, राजस्थान, उप्र, दिल्ली, उत्तराखंड, हरियाणा, गोवा आदि राज्य को जाने वाली ट्रेन भी हैं। प्रतिदिन लगभग ५ हजार से अधिक यात्री नागदा स्टेशन से यात्रा प्रारंभ करते व समाप्त करते हैं। स्टेशन पर कुल 5 प्लेटफॉर्म है।
चौकी होने से बल की कमी
स्टेशन पर चौकी होने से यहां जीआरपी को बल भी इस ही मान से दिया जाता है। जिस कारण नागदा चौकी पर बल की भी कमी है। यहां पर महज १९ पुलिस जवान व अधिकारी तैनात है। इनमें 1 एसआई, 1 एएसआई, 3 प्रधान आरक्षक,13 आरक्षक व 1 महिला आरक्षक शामिल है। इन जवानों के भरोसे ही नागदा रेलवे की ३ कॉलोनी, 5 प्लेट फार्म व 86 ट्रेन के यात्रियों की सुरक्षा का जिम्मा है। जीआरपी का दायर भी लगभग ५० किमी तक फैला हुआ है।
नहीं मिल पाता इंसाफ
शामगढ़ व नागदा की दूरी के कारण कई बार यात्री रिपोर्ट भी दर्ज नहीं कराते है। हालांकि रिपोर्ट तो नागदा स्टेशन पर स्थित चौकी पर दर्ज हो जाती है, लेकिन कई बार गंभीर अपराध व प्रकरण में श्यामगढ़ की टीम नागदा आकर जांच करती हैं, लेकिन बाद में पुलिस पीडि़त को बयान लेने व अन्य कानून प्रकिया के लिए शामगढ़ बुलाती है, लेकिन व्यवस्था के चलते कई पीडि़त नहीं जा पाते है, इस कारण पीडि़त को न्याय नहीं मिल पाता।
नागदा स्टेशन पर थाना नहीं होने से हम जीरो पर कायमी कर रिपोर्ट शामगढ़ थाने पर जाकर लिखते है। जिससे कुछ परेशानी तो होती है। नागदा चौकी पर कुल १९ जवानों का स्टाफ है। हमको समस्त प्लेटफार्म व समस्त ट्रेन देखनी पड़ती है।
प्रमोदसिंह भदौरिया, प्रभारी, जीआरपी चौकी, नागदा